जब भी परिवार में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो खानदान में सूतक लग जाता है। ऐसे में शास्त्रों में कई चीज़ें वर्जित की गयी हैं। आप सूतक के समय पूजा पाठ नहीं कर सकते, न ही कोई मंगल कार्य किया जाता है। इसके अलावा कई समाज ऐसे भी हैं जिनमें घर में तेल-मसाला आदि खाने से भी मना किया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों है? चलिए इसी पर चर्चा करते हैं।
जिस भी घर में किसी की मृत्यु हो जाती है वहाँ सभी लोग शोक में डूब जाते हैं ऐसे में किसी को भी खाने की इच्छा नहीं रहती है, साथ ही परिवार में सूतक लग जाता है। यह सूतक केवल मृत्यु वाले घर ही नहीं बल्कि उनके पुरे खानदान में लगता है। जब तक ब्राह्मण भोज न हो जाये तब तक घर में तड़का भी नहीं लगाया जाता है। इसी कारण से तेल मसाले से दूर रहने के लिए कहा जाता है।
इसके अलावा एक कारण यह भी है कि ऐसे समय में स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है। कि तला गाला खाकर कोई और भी बीमार न हो जाए इसलिए भी तेल मसाले की मनाही होती है।
पहले दिन ससुराल वाले करते हैं भोजन प्रबंध
मृत्यु सूतक लगने पर पहले 2 दिन तो चूल्हा जलता ही नहीं है इसलिए मृतक व्यक्ति के ससुराल वाले ही खाने का प्रबंध करते हैं या फिर मृतक के लड़के के ससुराल वाले खाने का प्रबंध करते हैं। हालांकि अब यह रीत कई लोगों ने छोड़ भी दी है। इसके अलावा घर की बहु बेटियां भी सर नहीं धोती और न ही किसी सौंदर्य के सामान का उपयोग करती है।
मृत्यु सूतक में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
जब हमने गुरूजी नीलेश शास्त्री जी से पूछा तो उन्होंने बताया कि मृत्यु सूतक के लिए वैसे तो अलग से कोई लिस्ट नहीं है लेकिन इस समय में तेल-मसाले से बने भोजन का सेवन आदि नहीं करना चाहिए। इसके अलावा फ़ास्ट फ़ूड, मिठाईयां आदि भी खाने से बचें।
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