सनातन धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं की जाती है। यह इतना पवित्र धर्म है जहां प्रकृति को देवी माना गया है और न केवल इंसानों अपितु पशु पक्षियों को भी दया प्रेम की भावना से देखा जाता है। हमारे यहां पेड़ पौधों की पूजा होती है, पीपल के पेड़ में जल चढाने का भी काफी महत्त्व है। लेकिन ज्यादा टॉपिक से न भटकते हुए चलिए चर्चा करते हैं सूर्य को अर्ध्य देने की। जी हाँ प्रतिदिन सूर्य भगवान को जल देना भी सनातन धर्म का एक अभिन्न अंग है। तो आईये हम आपको बताते हैं कि शनिवार को सूर्य भगवान को जल देना चाहिए या नहीं ?
शनिवार को सूर्य भगवान को जल देना चाहिए या नहीं ?
हमारे ग्रंथों में या किसी भी पंडित, धर्म के जानकारों द्वारा कहीं भी कभी भी ऐसा नहीं कहा गया है कि शनिवार को सूर्य को अर्ध्य नहीं देना चाहिए। इसीलिए आप हर दिन, चाहे वह सोमवार हो, रविवार हो या शनिवार हो, सूर्य को जल दे सकते हैं।
सूर्य को जल देने के पिछे वैज्ञानिक तथ्य भी है कि जब सूर्य की किरणे जल से होती हुई आपके शरीर पर पड़ती है तो इससे आपको एक पाजिटिविटी मिलती है। इसके अलावा कई जगह यह भी उल्लेख है कि सूर्य को रोजाना अर्ध्य देने से आपकी बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।
सूर्य को जल देते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं या मन ही मन इसे जप सकते हैं। कहा जाता है कि ताम्बे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
इसके अलावा आप जब सूर्य को जल दें तो उस जल में से सूर्य भगवान को देखने की कोशिश करें इससे आपकी आँखों की रौशनी बढ़ती है।
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