किसी भी देश को विकसित होने के लिए कई चीजो में सक्षम होना पड़ता हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत रखना होता है। एक विकसित देश की जनता बहुत से लाभ पाती है जिनसे एक अविकसित देश की जनता दूर रह जाती है। देशो को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर विकसित और विकासशील मेसे किसी एक श्रेणी में रखा जाता है।
बहुत से ऐसे कारक है जो विकसित और विकासशील देशो का वर्गीकरण करते हैं, जिनमे मुख्य रूप से देश की अर्थव्यवस्था, GDP, प्रति व्यक्ति आय, जीवन स्तर, औद्योगिकीकरण, शिक्षा, चिकित्सा क्षेत्र शामिल है।
विकसित देश किसे कहते हैं?
एक विकसित देश की श्रेणी में वह देश आता है जिस देश के लोगों की प्रति व्यक्ति आय अधिक हो, देश का सकल घरेलू उत्पाद अधिक हो, ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित हो, बेरोजगारी का स्तर ना के बराबर हो, गरीब लोगों की संख्या भी काफी कम हो, देश का लगभग हर नागरिक आसानी से अपनी जरुरतो को पूरा कर पाता हो और चिकित्सा सेवाएँ भी अच्छी तरह से उपलब्ध हो। देश को इस स्तर पहुचने में काफी समय लगता है और देश की जनता तथा मजबूत और ईमानदार सरकार की मेहनत ही देश को विकसित बना सकती है। हमारा भारत देश अभी विकासशील देशो की सूची में आता है और जल्द ही विकसित देशो की सूची में आ सकता है। जब किसी भी देश इस सभी जरुरतो को पूरा कर लेता है तो वह एक विकसित देश कि श्रेणी में आ जाता है।
विकासशील देश किसे कहते हैं?
विकासशील देशो की अर्थव्यवस्था ज्यादा ठीक नहीं होती है और धीरे धीरे बढती रहती है। विकासशील देश का मतलब ठहराव नहीं है पर यह इतने ज्यादा उन्नत नहीं होते हैं कि विकसित देशो की श्रेणी में आ सके। विकासशील देशो में शिक्षा का स्तर भी कम होता है, प्रति व्यक्ति आय भी सामान्य या उससे भी कम होती है। प्रति व्यक्ति आय का स्तर कम होने के कारण यहाँ के नागरिको का जीवन इतना अधिक समर्द्ध नहीं होता हैं कि वह सारी जरुरतो को पूरा कर सकें। इन देशो में कम तकनीकी विकास होता है।
कौन कौन से देश हैं विकसित
बहुत से ऐसे देश हैं जो विकासशील देशो की श्रेणी में आते हैं पर कुछ ही देश हैं जो विकसित देशो की श्रेणी में आते हैं। इनके नाम नॉर्वे , अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन और स्विटजरलैंड है। यह देश विकसित देश है जो काफी मजबूत अर्थव्यवस्था लेकर चलते हैं।
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