नवरात्री हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है, इसमें माँ दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है तथा हवन और घट स्थापना भी करते हैं। नवरात्री में यदि सच्चे मन से माँ दुर्गा की आराधना की जाए, तो सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं तथा सारे दुःख दर्द खत्म हो जाते हैं। नवरात्री में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से कई लाभ मिलते हैं और माँ दुर्गा की कृपा सदा बनी रहती है, इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की परंपरा है। जो लोग नवरात्री में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की योजना बना रहें हैं, उन्हें इस पाठ से जुडी सारी जानकारी होनी चाहिए जैसे कि कब इस दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के क्या नियम हैं और इससे क्या-क्या लाभ होते हैं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए
**दुर्गा सप्तशती का पाठ कभी भी प्रातः काल में करें, इसे राहू काल में नहीं करना चाहिए। राहू काल में इस पाठ को करना अशुभ माना जाता है और इससे कोई भी लाभ नहीं होता है। यह पाठ 13 अध्यायों से मिलकर बना है और मान्यता है कि इसे एक ही दिन में पूरा करना चाहिए, लेकिन आजकल के व्यस्त जीवन में इसे एक दिन में पूरा करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इसे नवरात्री के शुरुआती दिनों में किया जाता है, और प्रतिदिन 2 या 3 अध्यायों को पूरा किया जा सकता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इसके कुछ नियमों का पालन करना जरुरी है।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के नियम
दुर्गा सप्तशती का पाठ हमेशा प्रातः काल में ही किया जाना चाहिए। तथा अपना सम्पूर्ण मन केवल पाठ में ही लगाना चाहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व्यक्ति को इस दौरान ब्रह्मचार्य का पालन जरुर करना चाहिए। इस पाठ में तन, मन की शुद्धि काफी महत्व रखती है। इस पाठ की शुरुआत करने से पहले अर्घला, कीलक, और कवच का पाठ करना जरुरी होता है। पवित्र पुस्तक को लाल कपड़े पर ही रखें, और इस पाठ को करते समय कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि इसे कभी भी बीच में आधा छोड़ना चाहिए ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है।
दुर्गा सप्तशती का पाठ के लाभ
दुर्गा सप्तशती पाठ के कई लाभ होते है, यदि इसे पुरी श्रृद्धा से किया जाएँ तो माँ दुर्गा सारे कष्टों का अंत कर देती है तथा सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है तथा सुख की प्राप्ति होती है और अनिष्ट का नाश होता है साथ ही घर परिवर में सुख समृद्धि आती है। इस पाठ में 13 अध्याय है तथा इन सभी के भिन्न भिन्न महत्व है, चैत्र नवरात्री तथा शारदीय नवरात्री दोनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है तथा ऐसा करने से घर में सुख शान्ति बनी रहती है।
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