कई बार तो शादी के कुछ महीनो के बाद ही तलाक लेने की स्थिति बन जाती है तो ऐसे में यह सवाल आता है कि शादी के कितने दिन बाद तलाक ले सकते है? क्योंकि सरकार शादी से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दो पर कानून बनाए हुए है ताकि शादी के दौरान होने वाले विवादों को और तलाक जैसे फैसले को सुलझाया जा सकें।
शादी के बाद कई तरह की जवाबदारियाँ बढ़ जाती है इसके लिए शादी के बाद वाला समय सबसे ज्यादा परिवर्तन वाला समय बताया जाता है। यह जीवन में खुशियाँ तो लाता है पर ज्यादा जिम्मेदारियों के कारण कुछ लोग तनाव भी महसूस करने लगते हैं। हल्कें तनाव और कपल के बीचे होने वाले झगड़ो तक तो ठीक हैं पर कुछ मामलों में कपल अपने रिश्ते से इतने परेशान हो जाते हैं कि बात तलाक तक पहुच जाती है, तलाक के कई कारण हो सकते हैं पर यह पति पत्नी दोनों के जीवन का सबसे बड़ा और प्रभावी निर्णय होता है जो उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख सकता है। पति पत्नी के बिच तलाक के कारणों में हिंसा, बाहरी सम्बन्ध, किसी का मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर होना, धर्म मान्यताओं को लेकर मतभेद, असम्मान अराजकता आदि शामिल है।
शादी के कितने दिन बाद तलाक ले सकते है?
तलाक दो तरह के होते हैं एक तरफा और दोनों की सहमती से लिया गया तलाक। यदि पति या पत्नी मेसे कोई एक अपने रिश्ते से खुश नहीं है और तलाक चाहता है तो इसे एक तरफा तलक की मांग कहा जा सकता है। और दोनों की सहमती से लिए जाने वाले तलाक में एक समय अवधि के बाद तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके बाद तलाक की कार्यवाही शुरू हो जाती है तथा कुछ दिनों में फैसला आ जाता है और अंतिम तलाक डिक्री यानिकी शादी को समाप्त करने का अदालती आदेश मिल जाता है। जिसमे बच्चों की कस्टडी, सम्पत्ति, गुजरा भत्ता आदि शामिल होता है। यदि इन सभी मुद्दों को दम्पत्ति आपस में ही सुलझा लेते हैं तो तलाक आसानी से मिल जाता है पर कई बार इन्ही मुद्दों के चलते तलाक का केस लम्बे समय तक चलता रहता है और एक सही फैसले के बाद कोर्ट तलाक डिक्री प्रदान करती है।
शादी के 1 साल बाद ही कोर्ट आपको तलाक लेने का अधिकार देती है, पर आप तलाक के लिए कभी भी आवेदन कर सकते हैं और अपनी समस्या को बता सकते हैं। तलाक का आवेदन करने के बाद पति पत्नी को 6 माह का समय दिया जाता है की वह अपने इस फैसले पर विचार करें और यदि सुलह हो सकती है तो कर सकें। ताकि गुस्से में लिए गये फैसले के कारण तलाक न हो और परिवार को टूटने से रोका जा सकें इस समय को कूलिंग पीरियड कहा जाता है।
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के द्वारा कई धाराओं के तहत तलाक लिया जा सकता है पर यह इतना आसान नहीं है, तलाक पाने के लिए कई बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। यदि दोनों पक्ष तलक के लिए राजी है तो भी कई बार 1 वर्ष का समय लग सकता है।
शादी के एक दिन बाद भी तलाक के लिए आवेदन किया जा सकता है पर आपके इस आवेदन पर कोर्ट कार्य करना 6 माह बाद ही प्रारम्भ करती है पर शर्त यह है कि इसके बीच आवेदन वापस न लिया जाएं। इसके बाद कोर्ट में बयान होते हैं और यदि पत्नी कामकाजी नहीं है तो उस पति द्वारा धारा 125 तहत पत्नी को गुजारा भत्ता दिया जाता है।
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