आपने कई बार वस्तुओं को खरीदने के लिए दिए जाने वाले No Cost EMI ऑफर के बारें में सुना होगा या फिर पढ़ा होगा। एक ऑफर किसी भी वास्तु की बिक्री बड़ा सकता है जिससे की दुकानदार को तो फायदा होता है कि ग्राहक भी फायदा महसूस करता है और वस्तु को खरीदने की योजना बना लेता है। आज के समय में No Cost EMI का नाम काफी चल रहा है और लगभग यह हर वस्तु पर मिल रहा है। इस लेख में No Cost EMI से जुड़े कई प्रश्नों के उत्तर दिए गये हैं
नो कॉस्ट ईएमआई क्या है?
No Cost EMI का मतलब होता है कि किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए आप EMI यानिकी किश्तों का उपयोग कर सकते हैं जिसके लिए आपको ब्याज भी नहीं देना होता है। EMI की सुविधा Credit Card, Debit Card के द्वारा मिल जाती है जिसके द्वारा आप कई वस्तुओं को किश्तों पर खरीद सकते हैं। किश्तों पर खरीदने का मतलब है कि आपको वस्तु की कीमत को एक साथ अदा नहीं करना होता है, उदाहरण के लिए कोई ग्राहक 10000 का फ्रिज EMI पर खरीदता है और 1000 रूपये की 10 किश्त बनवाता है। इसका अर्थ है कि उसके EMI पर फ्रिज लिया है और यदि उसे इसके लिए किसी तरह का कोई ब्याज नहीं देना तो यह No Cost EMI कहलाता है।
No Cost EMI पर कम्पनियों की चाल
ऑनलाइन शोपिंग की बात हो या दुकानदार से खरीदने की बात हो वह No Cost EMI ऑफर देने से पहले आपसे प्रॉसेसिंग फीस चुकाने के लिए कहते हैं और इसी के द्वारा वह ब्याज न मिलने नुकसान की भरपाई कर लेते हैं। साथ की प्रोडक्ट पर मिलने वाले डिस्काउंट को केवल काश पेमेंट पर ही लागू करते हैं जिस कारण EMI बनवाने पर आपको डिस्काउंट नहीं मिलता है और आप प्रोडक्ट की ज्यादा कीमत चुकाते हैं। इसी तरह ब्याज न देकर भी ग्राहक प्रॉसेसिंग फीस या अन्य किसी भी तरीके से ज्यादा भुगतान ही करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक का क्या कहना है?
17 सितंबर, 2013 भारतीय रिजर्व बैंक में अपने एक सर्कुलर में यह खा था कि “क्रेडिट कार्ड की बकाया देनदारी पर जीरो फीसदी EMI स्कीम में ब्याज को गलत तरीके से पेश किया जाता है। इसमें अक्सर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ब्याज का बोझ ग्राहकों पर डाल दिया जाता है।”
भारतीय रिजर्व बैंक यह क्लियर कर चुका है कि No Cost EMI में ग्राहक से किसी न किसी तरह एक्स्ट्रा चार्ज लिया जाता है, और ग्राहक को अतिरिक्त भुगतान करना होता है। No Cost EMI एक झासा है जो ग्राहकों को लुभाने के लिए होता है और ब्याज न लेने की बात सही हो सकती है पर ग्राहक से किसी न किसी तरह जादा भुगतान करवा लिया जाता है।
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