भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि यह इतने भोले होते हैं कि बड़ी आसानी से अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण कर देंते हैं। अपने पंडित प्रदीप मिश्रा जी का नाम तो सुना ही होगा यदि नहीं सुना है तो आपको बतादें कि यह मध्यप्रदेश के सीहोर जिलें के सबसे प्रसिद्ध पंडित है, यह हिन्दू धर्म का प्रचार करते हैं और शिव महापुराण की कथा करते हैं साथ ही भक्तों को शिवजी को प्रसन्न करने के तरीकें भी बताते हैं। पंडित प्रदीप जी मिश्रा का कहना हैं कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने से कई तरह के फायदे मिलते हैं और इस मंत्र में इतनी अधिक शक्ति हैं कि सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
मंत्र की उत्पत्ति
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव पुराण से लिया गया है तथा यह भगवान शिव को समर्पित मंत्र है। इस मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र की तरह ही शक्तिशाली माना गया है। पंडित जी अपनी हर कथा में इस मंत्र का जाप करने के लिए कहते हैं और उनका कहना है कि शिव जी की पूजा में इस मंत्र को शामिल करने से पूजा सफल होती है और भगवान शंकर जल्द ही सारे दुःख हर लेते है। यह मंत्र अन्य सभी मंत्रो की तुलना में सबसे ज्यादा प्रभावशली है तथा इसके जाप से अनेक तरह के फायदे मिलते हैं।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं तीन शब्दों से मिलकर बना है, इसमें श्री सम्मान के लिए उपयोग किया गया है। हिन्दू संस्कृति में श्री हमेशा से ही सम्मान के लिए उपयोग किया जाता आ रहा है। इसके बाद आता शिवाय यह भगवान शंकर का नाम है, शंकर भगवान को शिव भी कहा जाता है जिससे शिवाय शब्द उत्पन्न हुआ है। तथा अंत में आता है नमस्तुभ्यं जिसक अर्थ में नमस्कार करता हूँ, जिससे बनता है में भगवान् शंकर को नमस्कार करता हूँ। यह मंत्र काफी सिद्ध और आसान मंत्र है और इसके द्वारा भगवान शिव को नमस्कार किया जाता है इसके लिए यह काफी लाभकारी मंत्र माना गया है।
मंत्र का जाप करने की विधि
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करने से फायदे प्राप्त होता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप हर सुबह करना चाहिए, इस मंत्र के जाप से पहले स्नान करने और फिर भगवान शिव की पूजा अर्चना प्रारम्भ करें। पुरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करें जिसके बाद इस मंत्र का जाप करें।
108 बार इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, मंत्र का जपा हमेशा एक निश्चित स्थान पर बैठ कर ही करना चाहिए, इसके लिए भगवान शिव की फोटो या शिवलिंग के सामने बैठ कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए, इस मंत्र के जाप के लिए स्वच्छ आसन का प्रयोग करना चाहिए ।
मंत्र के जाप का समय निश्चित करें और हमेशा इसी समय पर मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करते समय इसे बीच में अधुरा न छोड़े, यदि आप 108 बार जाप करते हैं तो आपको माला प्रयोग करना चाहिए और माला पूरी होने के बाद ही स्थान को छोड़ना चाहिए।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के फायदे
- इस मंत्र का जाप करने से सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है और भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।
- इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रोगों से मुक्ति भी मिलती है।
- मंत्र के जाप से ख़ुशी और आनन्द का अनुभव होता है और मन प्रसन्न रहता है तथा तनाव कम होता है।
- किसी भी शुभ कार्य से पहले इस मंत्र का जाप करने से वह कार्य आसानी से पूर्ण होता है और उस काम में सफलता मिलती है।
- श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जाप से शारीरिक तथा मानसिक शक्ति मिलती हैं तथा व्यक्ति इन दोनों में मजबूत बनता है।
- मात्र इस मंत्र के जाप से सारी आर्थिक समस्याएँ खत्म हो जाती है और धन लाभ होता है व व्यापार में उन्नति होती है।
- यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र से भी अधिक शक्तिशाली है इस कारण जो भी इस मंत्र का जपा करता है इसमें मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और जाप करने वाला सकारात्मक विचारों से घीरा रहता है।
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