क्या आप कभी हेलीकाप्टर में बैठे हैं, हो सकता है कि आप हेलीकाप्टर में बैठे भी ओह और नहीं भी पर आप हेलीपैड के बारें में जरुर जानते होंगे। हेलीपैड उस जगह को कहते हैं जहाँ हेलीकाप्टर लैंड करता है यानिकी उतरता है और उड़ान भरता है। और इस हेलीपैड पर H लिखा होता है जिसे देख कर यह सवाल आता है कि आखिर हर हेलीपैड पर H क्यों लिखा होता है और हेलीकाप्टर केवल इस जगह पर ही क्यों उतारा जाता है।
हेलीपैड पर H क्यों लिखा होता है?
यह तो हम सभी जानते ही है कि जिस स्थान पर हेलीकाप्टर उतारा जाता है उस स्थान को हेलीपैड कहते हैं और इस स्थान को आकाश से आसानी से देखा जा सके इस लिए इस पर संकेत के रूप में H भी लिखा जाता है पर यह केवल संकेत मात्र नहीं होता है।
आप किसी भी स्थान पर H लिख कर उसे हेलीपैड नहीं बना सकते हैं। हेलीपैड के बनाने के लिए जगह को समलत किया जाता है और सुनिश्चित किया जाता है कि यदि वहन हेलीकाप्टर उतरे तो उसकी पंखुडिया किसी और वास्तु से टकराएँ नहीं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि जगह समतल हो यदि जगह समतल नहीं होगी तो पंखुड़िया जमीन पर भी टकरा सकती है और हेलीकाप्टर क्रेश हो सकता है। हेलीपैड बनने के बाद उस स्थान पर H लिख दिया जाता है।
H के निशान से पायलट को यह भी पता लग जाता है कि किस दिशा में हेलीकाप्टर को लैंड करना है, इस H के निशान का कलर सफेद या पीला रखा जाता है जिसकी मदद यह दूर से ही दिखाई पड़ जाता है। दुसरे दिखने के कारण अन्य दुसरे हेलीकाप्टर जिन्हें लैंड नहीं करना है वह इससे दूरी बना कर निकलते हैं ताकि किसी तरह का कोई हादसा न हो। हेलीपैड पर लाइट की भी पूरी व्यवश्ता की जाती है ताकि अँधेरे में भी हेलीकाप्टर को उतरा जा सकें और किसी तरह की कोई दुर्घटना न हो।
अन्य लेख –