मच्छर एक ऐसा जीव है जो हर किसी को परेशान करता है। घर में मच्छरों का होना एक आम बात है, पर मच्छरों से बचकर रहना बेहद जरुरी है, वर्ना यह गंभीर बिमारियाएं फैला सकती हैं। मच्छर कई जानलेवा बिमारियों का कारण बना सकते हैं जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि। इसीलिए घर में मच्छरों को आने से रोकने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। मच्छर को भगाने या मारने के लिए बाजार में कई प्रोडक्ट मौजूद हैं और इनको बनाने वाली बड़ी कंपनियां हैं, जो हर रोज लाखों के प्रोडक्ट बेच देती हैं। इन मच्छरों के कारण फैलने वाली बीमारियों के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है और हेल्थ सेक्टर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
पर एक देश ऐसा भी है जहाँ मच्छरों का नामुनिशान नहीं है, साथ ही यहाँ किसी भी तरह के कीड़े और सांप भी नहीं हैं। यहाँ हमारे देश में मच्छरों के कारण हर कोई परेशान है, पर इस देश में आपको कहीं भी एक भी मच्छर देखने के लिए नहीं मिलेगा। इसी कारण यहाँ मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियाँ भी नहीं हैं, और यहाँ के लोग हमारी तरह मच्छरों से बचने के लिए हजारों रुपये खर्च नहीं करते हैं, बल्कि चेन की नींद सोते हैं।
किस देश में नहीं है मच्छर
आइसलैंड एक ऐसा देश है जहां मच्छर नहीं हैं और नहीं यहाँ अन्य कीड़े मकोड़े हैं। यह देश उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है, और इस देश के आस-पास मौजूद देशों में काफी मच्छर पाए जाते हैं, पर यहाँ के भी मच्छर नहीं हैं। इसके पड़ोसी देश स्कॉटलैंड और डेनमार्क में भी मच्छर मौजूद है, पर दिलचस्प बात यह है कि आइसलैंड में एक भी मच्छर नहीं है। इस देश में 1200 से अधिक लोग रहते हैं, पर यहाँ का वातावरण ऐसा नहीं है कि यहाँ मच्छर पनप सकें।
क्यों नहीं है मच्छर
आइसलैंड में मच्छर न होने का कारण है कि यहाँ का तापमान -38 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है, जिस वजह से यहाँ पर मच्छर नहीं पनपते हैं। इतने कम तापमान के कारण यहाँ पर पानी जम जाता है, और मच्छरों को पनपने के लिए स्थिर पानी की जरूरत होती है। यहाँ की मिट्टी कुछ ऐसी है जो मच्छरों के प्रजनन के लिए सही नहीं है, और स्थिर पानी न होने के कारण मच्छर अंडे नहीं दे पाते हैं।
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