चिड़ियाघर के बारें में तो हम सभी जानते ही हैं, यहाँ कई तरह के जानवर रखे जाते हैं, और इन जानवरों को पिंजरे में कैद रखा जाता हैं ताकि आम जनता भी इन्हें देख सके पर इसके लिए उसने चार्ज लिया जाता है। बच्चो के साथ-साथ बड़ो को भी चिड़ियाघर में घूमना और जंगली जानवरों को देखना पसंद होता है। पर आपने कभी सोचा हैं कि चिड़ियाघर को चिड़ियाघर हो कहा जाता है जबकि वहां जंगली जानवर होते हैं जिसमे शेर, बाघ, तेंदुए आदि शामिल है।
चिड़ियाघर को चिड़ियाघर ही क्यों कहते हैं?
चिड़ियाघर को चिड़ियाघर कहे जाने के पीछे लोगों के पास अलग-अलग कहानियां है पर जहां तक हमें लगता है कि चिड़ियाघर को चिड़ियाघर इसीलिए कहा जाता है क्योंकि पहले के समय में राजा महाराजा अपने महलों में पक्षियों को रखना पसंद करते थे, और वहा कई तरह के पक्षी हुआ करते थे। इस स्थान को चिड़ियाघर कहा जाता था पर समय के साथ वह अन्य जानवरों को भी रखने लगे जिसमे जंगली जानवर भी हुआ करते थे पर उस जगह को चिड़ियाघर ही कहा जाता था क्योंकि पहले से ही उसे चिड़ियाघर के नाम से पुकारा जाता आ रहा था। इसी के कारण चिड़ियाघर को चिड़ियाघर कहा जाता है चाहे वहा जंगली जानवर ही क्यों न रहते हो।
चिड़ियाघर को इंग्लिश में Zoo कहा जाता है, साथ ही चिड़ियाघर को हिंदी में प्राणिउपवन और इंग्लिश में Zoological Park भी कहते हैं, यहाँ बहुत से पशु पक्षी रखे जाते हैं और उनकी देखभाल भी की जाती है, साथ ही उन्हें सुरक्षित माहौल भी दिया जाता है, इंसानों से दूरी रहती है, खाने पिने की पूरी व्यवस्था रहती है।
चिड़ियाघर का उद्देश्य
- जानवरों के बारें में अध्ययन करने के लिए, उनके व्यवहार आचरण को जानने के लिए।
- इस जानकरी के आधार पर या सुनिश्चित करना कि किस तरह यह जानकारी मानव हित में प्रयुक्त कि जा सकती है।
- लोगों के मनोरंजन के लिए और मानव तथा जंगली जानवरों के बीच दूरी को कम करने के लिए ताकि वह भी इन्हें अच्छे से जान और देख सकें।
- विलुप्त हो रहें जानवरों की रक्षा करने और उनकी संख्या बढाने में।
- आय का स्त्रोत निर्मित करने में, पर्यटन को बढाने में आदि।
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