हर कोई चाहता है कि उसका जीवन सुखमय हो और उसके जीवन में कभी भी किसी तरह की कोई समस्या न आये। पर जीवन में थोड़ी बहुत समस्याएँ तो आती ही रही है इससे कोई नहीं बच सकता है। पर आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी नीतियाँ साझा की है जिन्हें यदि जीवन में अपनाया जाएँ है तो बुढ़ापे में आपका जीवन सुखमय बन सकता है क्योंकि वह एक ऐसा समय होता है जिसमे केवल आराम और शांत समय की कामना की जाती है। पर आपका बुढ़ापा तब ही सुखमय हो सकता है जब आप आज से ही उसउसके लिए कम करने लगें। आचार्य चाणक्य ने बुढापे को लेकर अपने विचार साझा किये हैं कि किस तरह जीवन के अंत के पलों को आरामदायक और सुखमय बनाया जा सकता है।
बुढ़ापा आना जीवन का एक चक्र है और कई लोगों को इस चक्र से होकर गुजरना ही होता है और यह एक ऐसा समय होता है जिसमे आपके पास शक्ति की काफी कम हो जाती है और आप वह सब नहीं पाते हैं जो एक जवान व्यक्ति खुशियाँ पाने के लिए कर सकता है, आप दुसरो पर आश्रित होने लगते हैं जिस कारण आपका मन दुखी हो सकता है पर यदि आप चाणक्य की इन बातों को जवानी में ही समझ लेंगे तो आपका बुढापा सुखमय हो सकता है।
निवेश करते रहें
हर वक्त आर्थिक रूप से सक्षम रखना जरुरी है और इसके लिए बचत के साथ साथ निवेश करना भी जरुरी है। केवल बचत करने से ही लाभ नहीं मिलता है पैसे का निवेश भी करना आवश्यक है तब ही बचत किये गये पैसो की बढ़ोतरी की जा सकती है। यदि आप युवा अवस्था से ही निवेश करेंगे तो आपको बुढापे में इसका लाभ मिलेगा और आराम से सुखमय जीवन बिता सकेंगे। हां यह जरुर है कि जवानी के समय की तरह घूमना फिरना आदि आपके लिए सम्भव नहीं होगा पर इतना निवेश जरुर कर ले की किसी तरह की जरूरत पड़े तो आप असहाय महससू न करे।
परिवार का साथ न छोड़े
परिवार में विवाद होना आम बात है पर कभी भी परिवार या परिजनों को छोड़ने का विचार न बनाए, क्योंकि ऐसा करने पर रिश्तों में दरार आ जाती है और रिश्ते पहले की तरह नहीं हो पाते हैं, एवं समय बितता जाता है और आपको रिश्तों की अहमियत पता लगने लगती है, बुढापे में परिवार और परिवार में जन्मे नए बच्चो के साथ की बेहद जरुरत होती है इसीलिए परिवार से अलग हो कर जीने का विचार न करें।
स्वस्थ्य का हर पल ध्यान रखें
अपने जीवन में काम के साथ साथ स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान देने की जरूरत होती है, वरना युवा अवस्था में तो शरीर इतनी समस्या नहीं देता पर बुजुर्ग होने पर के तरह की बीमारियाँ घेर लेती है। यदि आप सही समय से ही स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे तो आपको बुढापे में कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
किसी भी तरह का अहंकार न रखें
अहंकारी लोगों को कोई पसंद नहीं करता है इसके लिए कभी पद या पैसों का अहंकार न करें, जितना हो सके लोगों की मदद करें और मन में हमेशा संतुष्टि का भाव रखें। यदि आप ऐसा करेंगे तो बुढ़ापे में भी आपका जीवन सुखमय होगा और आपका मन भी अशांत नहीं रहेगा, आपके अपने आपका साथ देने से नहीं कराएंगे
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