मौसम का संतुलित रहना मानव सभ्यता के लिए काफी जरुरी है वर्ना आने वाले में समय में इस धरती पर से जीवन जल्द ही खत्म हो जाएगा। बड़ते प्रदुषण और अन्य कई कारणों से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है जिस वजह से धरती का तापमान सामान्य से अधिक होता जा रहा है। 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल बताया जा रहा है और आने वाले समय में यह तापमान और भी बड़ सकता है जिसका नकारात्मक असर पृथ्वी पर पड़ने वाला है और ग्लेसियर के पिघलने से होने वाली समस्याएँ भी उत्पन्न हो रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस वर्ष ठण्ड का असर कम देखने को मिलेगा क्योंकि तापमान इतना अधिक कम नहीं रहने वाला है, तापमान सामान्य से अधिक ही रहने वाला है। जिस वजह से पिछले साल की तुलना में ठण्ड कम रहेगी।
इतिहास का सबसे गर्म साल 2023
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 1901 के बाद 2023 वह साल रहेगा जिसमे इतना अधिक तापमान था, जिस कारण ठण्ड के मौसम में मध्य और उत्तर-पश्चिम में तापमान ज्यादा कम नहीं होगा और ठण्ड का अनुभव कम होने वाला है।
2023 का अक्टूबर अभी तक का सबसे गर्म माह बन गया है जिसका कारण ग्लोबल वार्मिंग ही है, वातावरण में बढ़ती CO2 और अन्य कई गेसें तापमान के सन्तुलन को प्रभावित कर रही है और प्रतिवर्ष धरती का तापमान बड़ रहा है, इन सब का असर केवल ठण्ड और गर्मी पर ही नहीं होता है यह बारिश के मौसम को भी प्रभावित करती है जिस वजह से बेमौसम बारिश भी होने लगती है।
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