हेल्थ पर सोने के समय क भी काफी घर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव कर सकता है। कोई सा भी आर्य हो सिमित मात्रा में किया जाएँ तो ही सही रहता है वर्ना उसके दुष्परिणाम दिखने लगते हैं। हर किसी के सोने का समय अलग-अलग हो सकता है पर ध्यान रहें कि एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए वर्ना आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सोने का सही समय निश्चित करें और कभी भी ज्यादा न सोये। सोने में देरी का मुख्य कारण मोबाइल फ़ोन, रात को चाय काफी पीना आदि होते हैं इसके लिए ऐसा करें से बचे और अपनी हेल्थ का ध्यान रखे।
अपनी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़े, संतुलित भोजन करें और रात को मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचे ताकि आप स्वस्थ बने रहे और आपको बीमारियाँ न घेर सकें।
ज्यादा सोने से होने वाली समस्याएँ
अत्यधिक सोने से न्यूरोट्रांसमीटर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है। यदि आप दिन में लंबे समय तक सोते हैं, तो यह सिरदर्द का कारण बन सकता है।
ज्यादा सोना मोटापा, कैंसर और डायबिटीज समेत कई बीमारियों का कारण बनता है। ज्यादा सोने से मोटापे की समस्या हो सकती है। यही कारण है कि व्यक्ति को हमेशा ज्यादा सोने से बचना चाहिए। कम नींद लेने से भी यह समस्या हो सकती है इसीलिए सही समय निश्चित करें।
अधिक सोने से टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा सोने से भी दिल की बीमारी हो सकती है। जो लोग बहुत अधिक सोते हैं उनमें हृदय रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है। डेटा से पता चलता है कि जो लोग प्रति रात 11 घंटे सोते हैं, उनमें 7 सोने वालों की तुलना में हृदय रोग विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
अवसाद का अनुभव करने वाले कई व्यक्तियों को नींद की कमी का सामना करना पड़ता है, जबकि अन्य को अत्यधिक नींद आ सकती है। अधिक सोने से स्थिति बिगड़ सकती है, यही कारण है कि व्यक्तियों के लिए नींद की संतुलित अवधि बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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