हमारा यह ब्रह्मांड कई तरह की चीजो से बना है, जिसमे बहुत से उल्कापिंड, ग्रह , तारे, उपगृह शामिल है। अमेरिका, भारत और रूस जैसे देश अन्तरिक्ष में खोज बिन करते रहते हैं। अभी तक यह देश अन्तरिक्ष के बारे में काफी कुछ जान चुके हैं और शौध जारी है। अमेरिका की अन्तरिक्ष एजेंसी NASA ने एक ऐसा ग्रह खोजा है, जिसके दो सूरज है।
अन्तरिक्ष काफी अनोखा और अद्भुत है, जहां अजीब से घटना होना और अजीबो गरीब गतिविधि का होना आम है। अन्तरिक्ष इतना विशाल है कि इसके बारे में जितना शोध किया जाएँ उतना कम है साथ ही यह फेल भी रहा है और इसका आकार समय के साथ बड़ रहा है। अभी तक हमारे पास अन्तरिक्ष को लेकर जितनी जानकारी है वह शायद 1 प्रतिशत से भी कम है। हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और हम बचपन से ही इस बात को सुनते आ रहे हैं इसलिए जब भी हमें यह इससे अलग कुछ पता लगता हैं तो वह हमें अजीब लग सकता हैं जैसे अन्तरिक्ष में एक ऐसा ग्रह भी हैं जिसके दो सूरज है और वह इनका चक्कर लगता है। NASA ने इस बारे में जानकारी दी हैं कि अन्तरिक्ष में ऐसा ग्रह भी हैं जो दो तारो के आस पास चक्कर लगाता है। हमरा सूर्य भी एक तारा ही हैं जिसे Type G2V star कहते हैं।
इस ग्रह के हैं दो सूरज
कॅप्लर-16बी (Kepler-16b) वह ग्रह हैं जिसके दो सूरज है, और यह 200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। यह ग्रह पत्थर और गैस से बना हुआ है इसीलिए इसे गैस दानव ग्रह भी कहते हैं, अगर इस ग्रह के आकार की बात की जाएँ तो यह हमारे सोरमंडल के शनि ग्रह के बराबर है। इसके दो सूरज है जिससे इसकी दूरी 10.50 करोड़ किलोमीटर हैं तथा यह जिन दो सूरज के चक्कर लगता है वह सूर्य की तुलना में छोटे हैं और हमसे 200 लाइट ईयर दूर है, पहले सूरज का आकार पृथ्वी के सूर्य का 69 फीसदी ही है और साथ ही दुसरे सूरज का आकार पृथ्वी के सूर्य का 20 फीसद मात्र ही है।
इस ग्रह पर शोध चल रहे हैं और एक रिसर्च में पता चला हैं कि इस ग्रह पर पानी मौजूद है और जीवन हो सकता है पर यह अभी प्रमाणित नहीं हुआ है कि इस ग्रह पर सच में जीवन सम्भव है। इस ग्रह पर काफी ठंड रहती है और यहाँ तापमान -70 सेंटीग्रेड से -100 सेंटीग्रेड तक रहता हैं।
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