चाँद से कई तरह की चीजे जुड़ी हुई है जिनमे आध्यात्मिक और धार्मिक चीजें भी शामिल है, चाँद हर किसी धर्म में किसी न किसी तरह महत्वपूर्ण है और इसी के आधार पर बहुत से धर्मो में तारीखे पता कि जाती है। हिन्दू धर्म में ग्रहों का काफी महत्व है और इसी लिए चाँद भी तिथि पता करने, कुंडली बनाने, करवा चौथ के दिन पूजा करने के काम आता है और इससे कई तरह की धार्मिक आस्थाएं जुड़ी हुई है।
अगर विज्ञान की दृष्टि से देखा जाएँ तो चन्द्रमा पर कई तरह की रिसर्च होती रहती है, इस पर भी पानी की खोज की जा रही है और इसके बारें में कई तरह की जानकारियां एकत्रित करने का काम अन्तरिक्ष अनुसन्धानो के द्वारा चलाया जाता रहा है। हालहिं भारत ने भी चंद्रयान-3 कोसफलतापू्र्वक लैंड करवाया था और दुनिया में अपना नाम रोशन किया था। चाँद को लेकर लोगों में और वैज्ञानिको में हमेशा से जिज्ञासा रही है और इस उपग्रह के बारें मे पौराणिक कथाओं में भी काफी कुछ लिखा गया है। पूरी दुनिया के लोग चाँद पर रिसर्च कर रही है और साथ ही आज तक 12 लोग चाँद पर कदम रख चुके हैं।
इस चाँद को भारत में मामा कहा जाता है और हर बच्चा बचपन में चंदा मामा शब्द का ही प्रयोग करता है। पर ऐसा क्यों कि चाँद को माम ही कहा जाता है, चाचा, नाना, दादा नहीं कहा जाता है? आइयें जानते हैं कि चाँद को मामा क्यों कहते हैं?
चाँद को मामा क्यों कहते हैं?
हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान बहुत से तत्व निकलते थे जिसमें लक्ष्मी जी और चन्द्रमा भी शामिल है। लक्ष्मी जी को माता कहा जाता है इसीलिए चन्द्रमा को मामा कहा जाना उचित प्रतीत हुआ, इसी के कारण चाँद को मामा कहा जाता है।
परन्तु बहुत से लोग मानते हैं कि हम धरती को माता मानते हैं और चन्द्रमा हमेशा धरती के साथ रहता इसी लिए उसे धरती माता का भाई माना गया है इसी के चलते वह हमारे मामा हुए। यही वजह है कि चाँद को मामा कहा जाता है।
चाँद का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में चन्द्र की स्थिति के आधार पर तिथि पता की जाती है और अमावस्या और पूर्णिमा जैसी महत्वपूर्ण तिथियों पर मान्यताओं के अनुसार कार्य किये जाते हैं जिसमे व्रत, पूजन और कई तरह के त्यौहार शामिल है। कुंडली बनाने में भी चाँद की अहम भूमिका होती है और चाँद की स्थिति से नकारात्मक और सकारात्मक योग बनते हैं जिन्हें कुछ उपायों से खत्म किया सकता है। सनातन धर्म में राशिफल और पंचांग का भी काफी महत्व है और यह चन्द्र के द्वारा ही पूर्ण हो पाते हैं।
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