स्लीप पैरालिसिस का अनुभव कई लोगों को होता है, तथा यह बेहद डरा देने वाला अनुभव है, स्लीप पैरालिसिस के समय व्यक्ति आधा नींद में होता है तथा आधा जाग रहा होता है, जिस कारण उसक शरीर सुन्न हो जाता है और वह अनुभव करता है जि वह जाग गया है पर अपन हाथ पैर नहीं हिला पा रहा है तथा आवाज़ लगें की कोशिश कर रहा हैं तो वह भी नहीं कर पा रहा है।
What is sleep paralysis : ऐसी स्थित में जब व्यक्ति को महसूस होता है कि वह नींद से जाग गया है पर अपने हाथ पैर नहीं हिला पा रहा है और नहीं किसी को आवाज़ लगा पा रहा है, ऐसे में शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता है और नहीं व्यक्ति कुछ कर पाता है तो ऐसी स्थिति को स्लीप पैरालिसिस कहते हैं। स्लीप पैरालिसिस में व्यक्ति का केवल दिमाग जागृत अवस्था में होता बाकि शरीर का कोई सा भी हिस्सा काम नहीं कर रहा होता है क्योकि बाकि हिस्सा अभी नींद की अवस्था में ही होता है इसी कारण व्यक्ति को लगता है कि उसका पूरा शरीर सुन्न हो गया है और वह किसी बड़ी समस्या में आ गया है। पर यह ज्यादा समय तक नहीं रहता है और कुछ ही देर में ठीक हो जाता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्तिओ में यह समय अलग-अलग होता है।
क्यों होता है स्लीप पैरालिसिस?
स्लीप पैरालिसिस होने के कई कारण हो सकते हैं क्योकि यह एक मानसिक विकार के रूप में देखा जाता है, इसमें व्यक्ति को लगता है कि उसकी नींद खुल चुकी है पर वास्तव में ऐसा नहीं हुआ होता है, जिस कारण वह उठने बोलने में असमर्थ रहता है और न ही हलचल कर पाता है। कई लोगों ने पाया कि उन्हें स्लीप पैरालिसिस में अजीब सी आवाज़े भी सुनाई देती है और वह उससे काफी घबरा जाते हैं पर किसी को आवाज़ तक नहीं दे पाते हैं। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा पाई जाती है जो सही समय पर नहीं सोते हैं. ज्यादा तनाव में रहते हैं, जिनके सोने और जागने का समय निश्चित नहीं होता है या फिर जिन्हें नार्कोलेप्सी की समस्या होती है। खराब दिनचर्या स्लीप पैरालिसिस का मुख्य कारण माना गया है क्योकि अनियमित रूप से जागना, सोना, व्यायाम पर ध्यान न देना, असंतुलित भोजन करना व्यक्ति को शारीरक और मानसिक रूप से प्रभावित करता है।
स्लीप पैरालिसिस से कैसे बचें
नियमित रूप से व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना और सही समय पर सोने और जागने से स्लीप पैरालिसिस की समस्या दूर हो जाती है। स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए 8 घंटे की नींद जरुर लें, नशे से बिलकुल दूर रहें शराब, सिगरेट का सेवन न करें, मैडिटेशन भी स्लीप पैरालिसिस को कम करने में मदद कर सकता है। अपनी लाइफ से नेगेटिविटी और स्ट्रेस को जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करें और यदि आपको ज्यादा समस्या आ रही है तो एक्सपर्ट की सलाह ले, स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना उचित होता है।
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