इंसानों की हमेशा से अंतरिक्ष को जानने में रुचि रही है और हम इसमें काफी उन्नति भी कर चुके हैं और चाँद पर भी कई लोगों को भेजने में सफल रहे हैं। अंतरिक्ष से जुड़े कई प्रोजेक्ट अभी वर्तमान में भी चालू है और इन पर करोड़ो खर्च भी किये जाते हैं ताकि अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी को एकत्रित कर सकें और इसके मानव जीवन को और भी सरल बनाया जा सकें।
कई लोग अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं और इन्हें एस्ट्रोनॉट कहा जाता है, यह कई दिन अन्तरिक्ष में गुजरते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि जब भी यह एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष की यात्रा कर धरती पर वापस आते हैं तो उन्हें कई दिन हॉस्पिटल में या डॉक्टर की निगरानी में गुजारने होते हैं तथा यह अंतरिक्ष से आने के बाद ठीक से चल भी नहीं पाते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा होने कि वजह क्या है? और इन्हें स्पेस से आने के बाद घर क्यों नहीं भेजा जाता है।
स्पेस से आने के बाद एस्ट्रोनॉट को घर क्यों नहीं भेजा जाता है?
जब भी कोई व्यक्ति अन्तरिक्ष की यात्रा कर वापस आता है तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमे सबसे मुख्य समस्या है कि वह ठीक से चल भी नहीं पाते हैं और अंतरिक्ष यान से किसी और व्यक्ति की सहायता से ही निकल कर बाहर आ पाते हैं तथा आते ही उन्हें व्हील चेयर पर बैठाया जाता है। ऐसा होने का कारण है कि अंतरिक्ष में काफी कम गुरुत्वाकर्षण होता है और उन्हें अंतरिक्ष यान में चलने की आवश्यकता नहीं होती है वह हवा में ही तैरते रहते हैं जिस कारण जब वह धरती पर आते हैं तो ठीक से चल नहीं पाते हैं क्योंकि उनकी मांसपेशियां काम नहीं करती है। इसलिए उन्हें किसी न किसी की सहायता लेनी पड़ती है और अंतरिक्ष यान से बाहर आना पड़ता है।
इसके अलावा ज्यादा समय अंतरिक्ष में गुजारने के बाद कारण उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगता है और वह किसी गंभीर बीमारी की चपेट में न आ जाएँ इसीलिए उन्हें डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है और कई टेस्ट किये जाते हैं ताकि स्वास्थ्य से जुड़ी हर तरह की जानकारी निकाली जा सकें। उन्हें पूर्ण रूप से ठीक होने में महीनों का समय भी लग सकता हैं और कई मामलों में कुछ ही हफ्तों में घर भेज दिया जाता है।
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