मोबाइल वो उपकरण है जो आज के समय सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है और लगभग हर में मोजूद होता है। बाज़ार में महंगे महंगे मोबाइल मौजूद है, और यह व्यक्ति के स्टैण्डर्ड को भी दर्शाने का काम करते हैं जिसके कारण लोग लाखो के मोबाइल भी खरीद रहे हैं। मोबाइल फ़ोन ने दुनिया को आपस में जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाई है क्योंकि इस पर आसानी से इन्टरनेट का उपयोग होता है। हम तो खासकर मोबाइल फ़ोन को मोबाइल ही कहते हैं पर इसे सेल फ़ोन भी कहा जाता है। क्या आप जानते हैं कि मोबाइल फ़ोन को सेल फ़ोन क्यों कहते हैं? यदि नहीं तो आपको इस लेख को जरुर पढ़ना चाहिए।
मोबाइल में आपको इतनी ज्यादा सुविधाएं मिलती है कि इन्हें स्मार्ट फ़ोन भी कहा जाने लगा है। स्मार्ट फ़ोन से पहले बाज़ार में केवल कीपैड वाले छोटे हुआ करते थे, जिनमें कुछ खास सुविधाएँ नहीं थी केवल कॉल की जा सकती थी और संदेश भेजे जा सकते थे पर आज के स्मार्ट फ़ोन में आपको इनती ज्यादा सुविधाएँ मिलती है कि आप उन्हें गिन नहीं सकते हैं। इस पर आप मनोरंजन के लिए गेम खेल सकते हैं, विडियो कॉल कर सकते हैं और साथ ही कैमरा और कई तरह के फीचर मिल जाते हैं।
मोबाइल फोन को सेल फोन क्यों कहते हैं?
सेल्युलर नेटवर्क्स होने के कारण फ़ोन को सेल फ़ोन कहा जाता है। टावर के कारण हमें मोबाइल में नेटवर्क मिल पाता है और इसी की वजह से हम आपस में कनेक्ट रहते हैं, और जिन जगहों पर टावर होते हैं उन्हें सेल कहा जाता है। इसी के कारण फ़ोन के साथ सेल शब्द को जोड़ दिया गया है और इससे सेल फ़ोन नाम पड़ा है।
इन क्षेत्रो को सेल कहने के पीछे भी एक कहानी है। सन 1947 के करीब आसपास डगलस रिंग और रे यंग ने वार्तालाप के लिए सेल्युलर टेलीफोन नेटवर्क बनाने पर विचार किया था इसके बाद उन्होंने टावर्स को स्थापित करने के लिए एक नेटवर्क का ले-आउट तैयार किया, जब इस ले-आउट को देखा गया तो यह इंसानों में मौजूद सेल की तरह लग रहा था तभी से सेल शब्द इसके लिए भी उपयोग होने लगा और फोन्स को सेल्युलर फोन्स या सेल फोन्स कहा जाने लगा।
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