जिस तरह मानव के लिए सोना जरुरी है उसी प्रकार जानवरों के लिए सोना और आराम करना बेहद जरुरी है। संसार में कई तरह के जानवर पायें जाते हैं और हर किसी की अलग-अलग योग्यता होती है, जैसे कुछ जानवर आकाश में उड़ सकते हैं, कुछ गहरे पानी में रह सकते हैं, कुछ तेज रफ्तार से दोड़ने में सक्षम होते हैं। जैसे चीता, घोड़ा आदि जानवर तेज रफ्तार से दोड़ने के लिए बने होते हैं और काफी तेजी से दोड़ सकते हैं। इन्हें भी नींद की जरूरत होती है पर आपने देखा होगा ही घोड़ा हमेशा खड़ा ही रहता है और यह सोता भी खड़े खड़े ही है। यह देख कर कई लोगों के मन में प्रश्न जन्म लेता हैं कि आखिर घोड़े खड़े खड़े क्यों सोते है? हर जानवर सोने के लिए जमीन पर लेट जाता है तथा इन्सान भी सोने के लिए या आराम करने के लिए लेटते हैं पर आखिर यह घोड़े खड़े खड़े अपनी नींद कैसे पूरी कर लेते हैं?
घोड़े खड़े खड़े क्यों सोते है?
लोगों को लगता है कि घोड़े कभी नहीं बैठते हैं और नहीं उन्हें लेटने की जरूरत होती है पर ऐसा नहीं है अक्सर घोड़े जमीन पर लेट भी जाते हैं और बैठते भी है, हाँ यह समय काफी कम हो सकता है क्योंकि उनके शरीर की बनावट कुछ ऐसी होती है कि वह यदि ज्यादा समय तक जमीन पर बैठे रहें तो फेफड़ों के दबने के कारण उनका श्वसन तंत्र प्रभावित हो सकता है। इसके लिए भी वह ज्यादा देर नहीं बैठते हैं और लम्बे समय तक खड़ें रहते हैं।
पुराने समय में जब घोड़े जंगल में रहा करते थे तब भेड़िये जैसे शिकारी उनका शिकार किया करते थे और ऐसे में यदि वह बैठे होते थे तो उनका शिकार होने की सम्भावना काफी ज्यादा होती थी जिस कारण वह अक्सर खड़े ही रहते थे ताकि शिकारी के हमला करने की स्थिति में वह भाग सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें। उनका शरीर काफी भारी होता है और एक बार बैठ जाने के बाद उन्हें उठने में समय लग सकता है जिस कारण यह पुराने समय से ही अधिकांश खड़े ही रहते हैं, जिस कारण इनकी मांसपेशियां काफी विकसित हो चुकी है और घन्टों खड़ा रहने में इन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती है।
कई बार आपने देखा होगा कि घोड़े एक पैर को हल्का सा ऊपर रख कर खड़ें रहते हैं, इसका यह कारण है कि वह एक एक करने अपने चारों पैरों को आराम देते हैं जिस वजह से कई बार उनका एक पैर थोड़ा सा ऊपर दिखाई देता है। यह तीन पैरों पर भी संतुलन बनाएं रखने में सक्षम है जिस कारण यह आसानी से खड़े रह पाते हैं।
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