मच्छरों से हर कोई परेशान है, और मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ बरसात के मौसम में काफी बढ़ जाती हैं, क्योंकि इस समय मच्छर काफी बढ़ जाते हैं और लोगों के दिन का चैन तथा रात की नींद चुराते हैं। मच्छरों को एक अजीब सी आदत होती है कि वे किसी भी इंसान के कान में जाकर एक बेसुरी धुन सुनते हैं, चाहे मच्छ की जान ही क्यों न चली जाए। फिर भी वे कानों के पास उड़ने की जीद करते हैं। पर आखिर मच्छरों को ऐसा करने की आदत क्यों होती है, यह एक रहस्य है।
जब भी कोई मच्छर कान के पास भिनभिनाता है, तो हमें गुस्सा दिला सकता है। मच्छर केवल काटते नहीं हैं, बल्कि खतरनाक बीमारियों को भी फैला सकते हैं और रातों की नींद तक खराब कर सकते हैं। हम मच्छरों की इन हरकतों की वजह से उन्हें पसंद नहीं करते हैं और हमेशा उन्हें खुद से दूर रखने की कोशिश करते हैं। इसके लिए बाजार में कई प्रोडक्ट भी मौजूद हैं जो मच्छरों को घर में घुसने से रोकते हैं या फिर उन्हें आसानी से मारने में मदद करते हैं।
कान के पास क्यों आवाज़ करते हैं मच्छर
शोध से पता चला है कि मच्छर कोई गाना नहीं गाते, यानी वह उनके मुंह से किसी भी तरह की आवाज़ नहीं निकालते हैं। बल्कि जो आवाज़ हमें मच्छरों के पास से आती है, वह उनके पंखों के फडफड़ाने की होती है। जी हाँ! मच्छर एक सेकंड में अपने पंखों को 250 बार फड़फड़ाते हैं। इसी कारण जब भी मच्छर हमारे कानों के पास आते हैं, तो हमें अजीब सी धुन सुनाई देती है।
अब सवाल आता है कि मच्छर हमारे कानों के पास ही क्यों मंडराते हैं, जबकि उन्हें पता ही नहीं है कि हम उनकी इस आवाज़ से परेशान हो रहे हैं। मच्छर इंसानों की गर्मी के कारण और उनके द्वारा छोड़ी जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड के कारण इंसानों के पास आ पहुँचते हैं और मच्छरों को उन स्थानों के पास उड़ना ज़्यादा पसंद होता है जहां गंदगी होती है। इसी कारण मच्छर अक्सर कानों के पास भी मंडराते हैं। और यही कारण है कि मच्छर अक्सर सीर के ऊपर भी उड़ते हुए नजर आते हैं, क्योंकि वहां तेल की गंध और गर्म क्षेत्र मौजूद होता है।
यह भी पढ़िए :