जैसा कि हम हमेशा से ही देखते हुए आ रहे हैं कि प्यार को दर्शाने के लिए लाल रंग का ही प्रयोग होता है, प्यार का इजहार करने वाली चीजें लाल रंग की ही बनाई जाती है जैसी गिफ्ट, फूल, हार्ट आदि। पर क्या कारण है कि लाल को ही प्यार के रंग के रूप में चुना गया है और किसी रंग को नहीं।
हम दिन में लाखों तरह के रंग देखते हैं पर जब भी प्यार की बात आती है हमारे मन सबसे पहले लाल रंग ही आता है। प्यार को दर्शाने के लिए लाल रंग का ही उपयोग होता है प्यार सी जुडी हर चीज़ को अधिकांश लाल रंग में ही बनाया जाता है। इसके पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण है जिसके चलते हैं लाल रंग हो ही प्यार का रंग बनाया गया है।
प्यार के लिए लाल रंग ही क्यों?
अगर प्यार की बात की जाएँ तो प्यार जीवन में रंग भरने का काम करता है और प्यार के बिना जीवन अधुरा और बेरंग है। इस प्यार को दर्शाने के लिए हम लाल रंग के दिल का भी उपयोग करते हैं साथ ही लाल रंग प्रेम का प्रतीक मना है। पुराने समय से ही लाल रंग को इस तरह से इस्तेमाल किया जाता आ रहा है, कई लेखक और कवि इस रंग का उपयोग अपनी रचनाओं में करते आये हैं और इस रंग को प्यार के रूप में संदर्भित करते रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण
लाल रंग को देखकर एक अलग सी ऊर्जा का प्रवाह होता है इसलिए इस रग को प्रेम से जोड़ा गया है। साथ ही यह रंग काफी आकर्षक भी होता है, प्यार जिस तरह लोगों को आकृषित करता है उसी तरह यह रंग भी है जो मन में प्रफुल्लित कर देता है। लाल रंग को देखते ही मन में प्रेम प्रसंग उत्पन्न हो जाता है इसीलिए इस रंग को प्रेम का प्रतीक माना गया है।
अगर धार्मिक पहलुओ की बात की जाएँ तो लाल रंग हिन्दू धर्म में भी प्रेम और विवाह के रूप में माना जाता है। शुभ कार्यो के लिए भी लाल का प्रयोग होता है, वधु का जोड़ा भी लाल रंग का होता है और सिंदूर का रंग भी लाल ही है। इसीलिए लाल रंग हर तरह से प्रेम प्यार का प्रतीक बन गया है और इसके लिए प्रयोग किया जाता है।
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