बाल नाख़ून मृत कोशिकाएं है फिर भी वह बढ़ती रहती है और हफ्ते में इन्हें छोटा रखने के लिए काटा जाता है। पर यह लगातार बड़ते ही रहते हैं और समय समय पर इन्हें छोटा करने कि जरूरत होती है। यह काफी धीरे बढ़ते हैं इसलिए कुछ दिनों के बाद ही इनके आकार में अंतर देख पाना सम्भव हो पाता है।
जब हमारा जन्म होता है तब हमारा शरीर काफी छोटा होता है पर समय के साथ जैसे जैसे उसे पौषक तत्व मिलने लगते हैं वह बढ़ता जाता है और एक निश्चित वृद्धि के बाद रुक जाता है। उसी प्रकार हमारे शरीर के बाल और नाख़ून भी बढ़ते हैं पर आवश्यक होने के कारण हम इन्हें काट देते हैं, इनमे किसी तरह की कोई कोशिका नहीं होती है इसीलिए हम इन्हें काटने पर दर्द भी नहीं होती है।
नाख़ून बाल पूर्ण रूप से अनावश्यक नहीं है, क्योंकि कुछ परिस्थितियों में नाख़ून हमारे काम भी आते हैं इसीलिए नाख़ून का भी हमारे जीवन में महत्व होता है। पर यह बढ़ते क्यों रहते हैं ? आइयें जानते हैं कि ऐसा क्या होता है बाल और नाख़ून बढ़ते रहते हैं?
बाल और नाखून क्यों बढ़ते हैं?
नाख़ून जिस स्थान से बड़ते हैं उसे cuticle कहा जाता है और इसी में नाखुनो की जड़ होती है। नाखुनो की जड़ो में कोशिकाएं बनती रहती है और मृत कोशिकाएं बाहर आने लगती है, नई बन रही कोशिका पुरानी कोशिका को आगे की और बढ़ाने लगती है यानिकी धकेलती है और नाखुनो का आकर बढने लगता है। ये कोशिकाएँ Keratin नाम के एक प्रोटीन से बनी होती हैं और इन्हें Blood Vessel से जरुरी पौषक मिलता रहता है और यह बड़ते रहते हैं।
बालों के साथ भी ऐसा ही होता है, यहाँ भी कोशिकाएं पुरानी कोशिका को बाहर धकेलती है जिससे कि बाल बढ़ने लगते हैं, फॉलिकल के मूल में बालों का एक सांचा यानिकी कोशिकाओं का समूह होता है और यही विभाजित होकर नई कोशिकाओं का उत्पादन करते हैं जिसके फलस्वरूप बाल लम्बे होते जाते हैं।
क्या मरने के बाद भी बाल और नाख़ून बढ़ते हैं?
मरने के कुछ समय बाद तक बाल और नाख़ून बड़ते रहते हैं और यह प्रोसेस केवल जब तक ही होती है तब तक शरीर में बाल और नाख़ून के बढ़ने के लिए जरुरी तत्व मौजूद होते हैं। मृत्यु हो जाने के कारण शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा के लिए जरुरी तत्वों का निर्माण नहीं हो पता है जिसके कारण कुछ समय के बाद नाख़ून और बाल बढना बंद हो जाते हैं।
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