आज के समय में हमें कोई सी वस्तु पूर्ण रूप से शुद्ध नहीं मिल पाती है, यहाँ तक की पानी भी शुद्ध नहीं है। प्रदुषण इतना बड़ चुका है कि इसक असर स्वस्थ्य पर भी पड़ने लगा है और कई तरह की बीमारियाँ होने लगी है। दैनिक जीवन में खाने पीने की वस्तुएं ही यदि शुद्ध नहीं होगी तो बीमारिया तो होगी ही और पानी तक शुद्ध नहीं मिल रहा है। इसलिए लगभग हर घर में RO का पानी पीया जाता है ताकि शुद्ध पानी मिल सकें और अशुद्ध पानी से होने वाली बिमारियों से बचा जा सकें। जल प्रदुषण में भी काफी बढोत्तरी हो चुकी है और टंकी में संगृहित पानी भी अशुद्ध हो जाता है इस तरह यदि लगातार अशुद्ध पानी शरीर में जाता है तो यह बीमारी का कारण बन सकता है, इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आज कल RO की डिमांड बड़ गयी है। हम सभी जानते हैं कि RO पानी को शुद्ध करता है पर क्या आपको RO का फुल फार्म पता है? यदि नहीं पता हैं तो कोई बात नहीं आज हम आपको RO से जुडी जानकारियाँ देने वाले हैं।
क्या है RO और किस तरह करता है काम
RO बिजली से चलने वाला यंत्र है जो पानी को शुद्ध करने का काम करता है। इसका फुल फॉर्म रिवर्स ऑस्मोसिस (Reverse Osmosis) होता हैं। इसमें ऐसी तकनीक होती है जो अशुद्ध पानी को शुद्ध करती है और पानी में मौजूद अशुद्ध तत्व, बलाई के कण, जीवाणु, मेटल पार्टिकल आदि को हटाता है। यदि पानी में TDS की मात्र अधिक हो तो वह पानी भी हानिकारक होता है इसीलिए RO के द्वारा उसके TDS को स्वतः ही सही कर दिया जाता है ताकि पानी पिएँ योग्य बन जाए।RO में पानी को कई तरह की विशेष झिल्लियों से गुजारा जाता है, जिससे ये कण छन जाते हैं और पानी साफ हो जाता है.
RO का फुल फार्म
RO का फुल फार्म रिवर्स ऑस्मोसिस (Reverse Osmosis) होता है और इसका उपयोग उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहां खारा पानी आता है पर जिन क्षेत्रो में मीठा पानी आता है वहा UV Purifier (Ultra Violet) का उपयोग करना चाहिए।
TDS क्या होता है?
टीडीएस का फुल फॉर्म Total Dissolved Solid होता है, यह पानी शुद्धता का मात्रक है और यदि पानी में TDS की मात्रा अधिक होती है तो पानी पिने योग्य नहीं होता है। पानी में TDS की मात्रा 300 से अधिक नहीं होना चाहिए, ऐसा पानी पेनी योग्य नहीं होता है और शरीर को हानि पहुचा सकता है। पर TDS की मात्रा 65 से 95 तक हो जाती है तो वह स्वाद में तो मीठा हो जाता है पर उसमे किसी तरह के कोई मिनरल्स नहीं बचते हैं।
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