सनातन धर्म के अनुसार अभी कलयुग चल रहा है और यह अंतिम युग है। इससे पहले सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग बीत चुके हैं पर इस अंतिम कलयुग में इन तीनों युगों की तुलना में सबसे ज्यादा पाप मौजूद है और सबसे ज्यादा पापियों का सामना करना पड़ता है। हिन्दू धर्म में हर युग में भगवान नारायण अवतार लेते हैं और पाप का नाश करते हैं, और सभी युगों में प्रभु कुल दस अवतार लेंगे जिन मेसे 9 अवतार हो चुकें हैं और अंतिम अवतार कल्कि का जन्म होना बाकी है।
इससे पहले नारायण सतयुग में मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध के रूप में जन्म ले चुकें हैं और अब कलयुग में वह कल्कि अवतार लेकर आने वाले है पर पुराणों के अनुसार इनके जन्म में अभी काफी समय है। कलयुग में अभी से ही इतना पाप बड़ चुका है कि हर कोई किसी न किसी तरह पाप का भागी बन ही जाता है। तो ऐसे में हम इस कलयुग से कैसे बच सकते हैं? इसीलिए आज हम जानेंगे इस पाप से भरें कलयुग से बचने के उपाय क्या-क्या है?
कलयुग से बचने के उपाय
पाप करना न करना व्यक्ति के अपने ही हाथो में होता है कोई और आपसे पाप नहीं करवा सकता है और नहीं ईश्वर आपको किसी और के पापो की सजा देंगे, आपको केवल अपने द्वारा किये पापो की सजा ही भोगना होती है। इस युग में पाप इतना अधिक बड़ गया है कि कलयुग के इस प्रभाव से बचने के लिए आपको कुछ उपायों को जरुर करना चाहिए।
भगवान की भक्ति
कहा गया है कि दुसरे युगों की तुलना में कलयुग में भगवान को प्रसन्न करना आसान है क्योंकि पहले भगवान को प्रसन्न करने के लिए वर्षों तक तपस्या करना होती थी पर कलयुग में केवल प्रतिदिन यदि आप भगवान की भक्ति और पूजा पाठ के लिए समय निकालने लेते हैं तो भगवान हर समस्या से आपकी रक्षा करते हैं और आप बुरी आदतों से और पाप से बचे रहते हैं। भगवान की भक्ति आपको ईश्वर से जोड़ती है तथा आपको सुखमय जीवन प्रदान करती है।
दान पुण्य
कलयुग में स्वार्थ काफी बड़ गया है और और लोग केवल स्वयं के लाभ के बारे में ही सोचते हैं कभी भी किसी दुसरे की मदद नहीं करते हैं। पर जो व्यक्ति दान पुण्य करता है उसका जीवन काफी अच्छा होता है और ईश्वर भी ऐसे लोगों के साथ हमेशा खड़ें रहते हैं उन्हें कभी किसी बड़ी मुसीबत में नहीं जाने देते हैं। हो सकें तो गुप्त दान करना चाहिए इसका ज्यादा लाभ मिलता है पर कुछ लोग केवल देखावे के लिए या राजनीती में आने के लिए ही दान करते हैं पर ऐसा करने का कुछ लाभ नहीं होता है क्योंकि ईश्वर सब देख रहे हैं।
मांस मदिरा से दूर रहें
सनातन धर्म में मांस मदिरा का सेवन करना पाप माना गया है पर कलयुग में स्वयं को हिन्दू कहने वाले लोग भी मांस मदिरा का सेवन करते हैं। जो लोग लोग किसी जीव की हत्या करता है वह बहुत बड़ा पापी होता है और उसको उसके कर्मो की सजा पृथ्वी पर भी भोगनी पड़ती है। इसलिए यदि आप कलयुग से बचना चाहते हैं तो मांस मदिरा का सेवन न करें और सात्विक बन जाएं ताकि प्रभु आपको उनके कमल चरणों में जगह दें और जब तक आप जीवित है आपकी हर समस्या से रक्षा करें। जो व्यक्ति मांस मदिरा का सेवन करता है उसकी पूजा और दान भी ईश्वर स्वीकार नहीं करते हैं।
आदर करना न छोड़ें
अपने देखा होगा ही कलयुग में लोग बड़े बुजुर्गो का और अपने गुरुजनों का बिलकुल भी आदर नहीं करते हैं जिस कारण उन्हें पाप लगता है और इसकी सजा किसी न किसी तरह उन्हें जरुर मिलती है। यदि आप सज्जनों का आदर करेंगे तो आप पाएँगे की आपका जीवन कितना सकारात्मक हो चुका है और इस कलयुग में भी सतयुग की तरह जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
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