22 जनवरी को राम मन्दिर का उद्घाटन होने वाली है और इसमें कई लोग हिस्सा लेने वाले हैं, कई राम भक्त तो पैदल ही अयोध्या के लिए निकल गये हैं। अयोध्या को योगी सरकार ने उस तरह सजा दिया है कि उसकी सुंदरता 100 गुना बड़ गयी है। सेकड़ों वर्ष तक राम मन्दिर का मुद्दा सुलझ नहीं सका था पर BJP सरकार ने इसे अपने मेनिफेस्टो में जगह दी और कोर्ट को जल्द से जल्द से विवादित जगह पर फैसला देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर विवादित जमीन पर फैसला दिया और जमीन राम मन्दिर ट्रस्ट को दे दी गयी।
राम मन्दिर के बारें में जब भी बात की जाती है तो कारसेवकों को जरुर याद किया जाता है। दिसम्बर 1992 में लाखों कारसेवक राम मन्दिर के निर्माण के लिए अयोध्या पहुच रहे थे इसी बीच 6 दिसम्बर को भीड़ ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया। तभी से कारसेवक नाम देश में ज्यादा उपयोग होने लगा और इस समय में अयोध्या जाने वाले लोगों को कारसेवक कहा जाता आ रहा है। और कारसेवक का अर्थ क्या होता है और सबसे पहले इस शब्द का उपयोग कब किया गया था।
कारसेवक का अर्थ क्या होता है?
कारसेवक उन लोगों को कहा जाता है जो निस्वार्थ भाव से धार्मिक काम करते हैं और इसके लिए पैसे भी नहीं मांगते हैं। यह किसी संस्था से जुड़े हुए भी हो सकते हैं जो अक्सर धार्मिक कार्य करते हैं यहाँ कार का अर्थ होता है हाथ और सेवक का अर्थ होता है सेवा करने वाला। और कारसेवक को इंग्लिश में वोलिंटियर कहा जाता हैं।
कारसेवक शब्द विवादित ढांचा गिराने वाले लोगों के लिए ज्यादा उपयोग होने लगा परन्तु यह शब्द केवल यही तक सिमित नहीं है कारसेवक हर वो व्यक्ति के जो धार्मिक कार्य में अपना समय देता है और धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देता है। साथ ही 1983 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को बचाने के लिए भी कई सिख कार सेवकों के रूप में सामें आये जिन्हें भी कारसेवक कहा जाता है।
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