बाबा नीम करोली एक असाधारण बाबा थे, जो अपने चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। यह कैंची धाम आश्रम में रहते थे जो आज काफी प्रसिद्द है। वह एक विनम्र और सीधे-सादे संत थे। नीम करोली बाबा हनुमान जी के अनुयायी थे और उनके भक्त उन्हें हनुमान जी का ही अवतार मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा के माध्यम से, नीम करोली बाबा ने कई चमत्कारी उपलब्धियां हासिल कीं जो आज भी भक्तों को आश्चर्यचकित करती हैं।
नीम करोली बाबा ने अपने कई चमत्कारों के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की, जिससे न केवल आम लोग बल्कि भारत और विदेश के प्रसिद्ध व्यक्ति भी उनके प्रति समर्पित हो गए। उनका अंतिम विश्राम स्थल कैंची धाम था जहां उनकी समाधि है।
मशहूर हस्तियाँ भी है इनकी भक्त
कैंची धाम में नीम करोली बाबा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। उनके भक्तों की संख्या अनगिनत है, जिनमें क्रिकेटर विराट कोहली, बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हैं।
15 जून को होता है मेले का आयोजन
15 जून को देवभूमि कैंची धाम में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से बाबा नीम करौली के भक्त आते हैं। इस पवित्र धाम में बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है और हर जगह से हजारों भक्त इनका आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर पांच अन्य देवताओं के मंदिरों के साथ-साथ हनुमान को समर्पित मंदिर का निर्माण किया है।
इस चमत्कार को लेकर काफी चर्चा
एक चमत्कार को लेकर यह काफी चर्चा में रहते हैं, ऐसा माना जाता है कि भंडारे के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई और खाना बनाते समय घी की कमी हो गई। अभी भी और पूड़ियाँ तली जानी थीं, तो अनुयायियों ने बाबा को स्थिति के बारे में सूचित किया। बाबा ने भक्तों को निर्देश दिया कि वे शीघ्र ही गंगाजी से जल से भरे दो कनस्तर लाएँ और उन्हें कड़ाही में डाल दें। अनुयायी यह सुम कर आश्चर्यचकित थे पर अनुयायियों ने जल्दी से पानी की व्यवस्था की और कड़ाही में डाल दिया।भक्तों ने देखा कि पानी चमत्कारिक रूप से घी में बदल गया, और पूड़ियाँ तुरंत तलना शुरू हो गईं। भण्डारा सुचारू रूप से चला और सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
बाबा की समाधि
10 सितम्बर 1973 को बाबा मथुरा स्टेशन पर पहुंचे तो उनके स्वास्थ्य में काफी गिरावट आ गयी व उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। बाबा नीम करोली का निधन अनंत चतुर्दशी की रात को हुआ था। करोली बाबा की समाधि वृन्दावन है। एक अन्य विश्राम स्थली नैनीताल के निकट पंतनगर में भी स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई सच्चे दिल से उनकी समाधि पर प्रार्थना करता है, वह कभी खाली हाथ नहीं जाता।
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