मच्छरों से तो हम सभी वाकिफ है, यह एक ऐसा किट है जो जानलेवा भी होता है, क्योंकि यह कई तरह खतरनाक बिमारियों को फैलता है। पर आपने कभी सोचा है कि यदि पूरी दुनिया से यह मच्छर खत्म हो जाएँ तो क्या होगा? आइयें जानते हैं कि एक्सपर्ट्स की बारे मे क्या राय हैं।
मच्छरों के कारण हर कोई परेशान है क्योंकि यह आकार में तो छोटे होते हैं पर जानलेवा बिमारियों के वाहक होते हैं। मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, मलेरिया, जीका वायरस जैसी बीमारियाँ फैलाते है जो हर साल लाखों लोगों की जान लेती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि मच्छरों की वजह से हर साल दस लाख से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है। बहुत से देश मच्छरों के प्रकोप से परेशान है खासकर गरीब देश जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
दुनिया में कई तरह के मच्छर पाए जाते हैं पर उन मेसे कुछ ही इंसानों को काटते हैं। मच्छर बरसात के मोसम में ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि भरे हुए पानी के कारण इनकी संख्या बड़ जाती है और यह हर जगह फैलने लगते हैं। मच्छरों से हमें किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलता है तो क्या हमें इन्हें मिटा देना चाहिए प्रकृति से छेड़छाड़ करना कितना ठीक है!
क्या होगा अगर दुनिया से मच्छर खत्म हो जाएंं
हमारा प्रश्न है कि क्या हो यदि इस दुनिया से सारे मच्छरों को खत्म कर दिया जाए? इस सन्दर्भ वैज्ञानिक फिल लोनीबस का कहना है कि दुनिया से सारे मच्छर यदि खत्म हो जाएँ तो इसके कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।
जैसे की कुछ मच्छर पौधों का रस पी कर जिन्दा रहते हैं जिस कारण पराग होता है और फुल फलों में परिवर्तित होते हैं। इसके अतिरिक्त मच्छर कई जीवो का भोजन भी है जैसे परिंदे, चमगादड़, मेंडक, किट आदि, और यदि मच्छर नहीं होंगे तो फ़ूड चैन पर भी बुरा असर पड़ेगा।
कुछ वैज्ञानिको का मत कुछ अलग है, उनका कहना है कि हजारों सालों में कई प्रजातियाँ खत्म हुई है और उनकी जगह नई प्रजातियों ने ले ली है। इस लिए मच्छरों के खत्म होने से कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। और फ़ूड चैन की बात की जाएँ तो जिव मच्छरों के स्थान पर दुसरे जीवों पर आश्रित हो जाएँगे जिससे की फ़ूड चैन पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा।
पर फिल लोनीबस इसके जवाब में कहते हैं कि यदि मच्छरों की जगह अन्य जीवों ने लेली तो नई समस्याएँ जन्म ले सकती है। क्योंकि हो सकता है कि नई प्रजातियाँ मच्छरों से भी खतरनाक हो और उनसे भी ज्यादा बीमारी फ़ैलाने लगे। जिसका असर इंसानों पर जरुर होगा और जान का खतरा बड़ भी सकता है और साथ ही नयी बीमारियाँ जन्म भी ले सकती है।
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