ED का नाम सुनते ही हर भ्रष्ट नेता के चेहरे पर डर झलकने लगता है। ED के पास कई अधिकार होते हैं जिनके तहत वह किसी भी भ्रष्ट नेता पर कार्यवाही कर सकती है और सम्पति तक जब्त कर सकती है। आइयें ईडी के बारें में और विस्तार से जानते हैं कि ईडी क्या है और इससे इतना क्यों डरते हैं भ्रष्ट लोग?
ईडी का फुल फॉर्म Enforcement Directorate होता है जिसे हिंदी में प्रवर्तन महानिदेशालय कहा जाता है। इसकी चर्चा आज के समय में काफी ज्यादा हो रही है और भ्रष्ट नेता जो करोड़ो की हेरा फेरी करते हैं उन्हें ईडी बिलकुल नहीं छोड़ती है।
क्या है ईडी जिससे डरते हैं भ्रष्ट लोग
ईडी यानिकी प्रवर्तन महानिदेशालय आर्थिक मामलों में की गयी धोखा धड़ी की जाँच करती है। पुलिस के पास यदि 1 करोड़ से अधिक की जाँच से सम्बन्धित कोई केस आता है तो वह इसे ईडी को सौप देती है। जिसके बाद ईडी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर जाँच शुरू करती है और अपराधी को सजा दिलवाती है तथा उसकी सम्पत्ति तक जब्त कर लेती है। धारा 50 के तहत ईडी संदिग्ध की सीधे तलाशी भी ले सकती है और जब्ती भी कर सकती है। किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद ईडी को 60 दिन का समय मिलता है जिसके बीच वह कभी भी चार्जशीत दर्ज कर सकती है।
किन कानून के तहत काम करती है ईडी?
ईडी बड़े आर्थिक अपराधो की जाँच करती है जिसमे मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन, विदेशी मुद्रा तस्करी, भ्रष्टाचार से अर्जित धन आदि शमिल है। ईडी को मनी मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने और अवैध सम्पतियों को रोकने के लिए बनाया गया है। यह कई कानूनों के तहत काम करती है और अपराधियों को भारत छोड़ने से रोकती है साथ ही छापा मारने, जब्त करने और गिरफ्तार करने का अधिकार रखती है।
- फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट
- धन सोधन निवारण अधिनियम 2002
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018
- विदेशी मुद्रा का संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974
ईडी की श्रुवत 1956 में हुई थी, तब आर्थिक मामलों के विभाग में एक ‘एनफोर्समेंट यूनिट’ काम करती थी जो सिर्फ एक्सचेंज कंट्रोल लॉ का उल्लघंन करने वालो पर जाँच कर उन्हें गिरफ्तार करती थी। इ समय केवल इसकी दो ब्रांच ही कार्यरत थी जिसमे एक मुंबई में और दुसरी कोलकाता में थी पर अब इसका काफी विस्तार हो चुका है और यह लगभग 29 जोन में फैल चुकी है।
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