देश को चलाने के लिए इस व्यवस्था की जरूरत होती है और देश प्रशासनिक तथा राजनितिक ढांचों के कारण चलता है। हमारे देश में एक विस्तृत ढांचा निर्मित किया गया है ताकि इतने बड़े देश को सुचारू रूप से चलाया जा सकें और व्यवस्थाएं बनी रही। देश को चलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका राजनेता निभाते हैं जिसमे राष्ट्रपती से लेकर सरपंच तक शामिल है।
इस व्यवस्था लो समझने के लिए सबसे पहले देश में होने वाले चुनावों को और नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम के बीच अंतर को समझना होगा। ताकि इनको लेकर किसी भी तरह का कोई प्रश्न मन में न रह जाएँ और ढांचे को समझने में किसी तरह की कोई समस्या आयें।
देश का प्रशासनिक ढांचा
• केंद्र सरकार
• राज्य सरकार
• स्थानीय प्रशासन
स्थानीय प्रशासन
- पंचायती राज (ग्रामीण)
- जिला परिषद (जिला)
- पंचायत समिति (ब्लॉक)
- ग्राम पंचायत (ग्राम)
नगर निगम
नगर निगम शहरों के अधीन काम करता है, जिस क्षेत्र की जनसंख्या 5 लाख होती है वहा नगर निगम होती है। पार्षदों से मिल कर नगर निगम बनती है और एक नगर निगम में कई वार्ड होते हैं जिस के प्रतिनिधि को पार्षद कहते हैं। पार्षद जनता के द्वारा चुने जाते हैं जो वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं और विकास कार्यों को पूर्ण करवाते हैं। नगर निगम में निर्धारित क्षेत्रो का कर जमा होता है जिसकी मदद से शहर में विकास कार्य किये जाते हैं। नगर निगम में पार्षदों के मत से कार्य होता है पर मेयर को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं जिनकी मदद से वह फैसले ले सकता है। नगर निगम मुख्य रूप से आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कई अन्य क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने का काम करती है।
नगर पालिका
नगर पालिका भी वार्डों में बटी हुई होती है पर नगर निगम से छोटी होती है। नगर पालिका के लिए 20000 से अधिक जनसंख्या निर्धारित की गयी है। नगर पालिका छोटे शहरों में होती है पर यह नगर पंचायत से बड़ी होती है। नगर पालिका में भी अध्यक्ष जनता के द्वार चुन कर आता है। नगर पालिका के पास स्थानीय शासन व प्रबंधन के अधिकार होते हैं। नगर पालिका के कार्यों में परिवहन, बिजली, शिक्षा, व्यापार, साफ़ सफाई, जल-बिजली शामिल है।
नगर पंचायत
ऐसा क्षेत्र जो गाँव से बड़ा हो पर नगर की श्रेणी में नहीं आता हो वहां नगर पंचायत होती है। यह गाँव की प्रशासनिक व्यवस्था होती है जो बससे छोटी इसकी मानी जा सकती है। इसमें मौजूद सदस्यों को जनता के द्वारा चुना जाता है और एक अध्यक्ष भी होता को जनता के द्वारा ही निर्वाचित होता है।
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