मानव की संरचना बेहद जटिल है, यह कई तरह के अंगों, कोशिकाओं, ऊतकों से बना है, और साथ ही इन्सान के पास अन्य जीवो से ज्यादा कुशलता होती है। यदि पुरुष और महिलाओं की बात की जाएँ तो इनका शरीर भी एक दुसरे से काफी अलग होता है। जैसा की हम जानते हैं कि महिलाओं को दाढ़ी नहीं आती है पर पुरुषों में दाढ़ी तथा मूछ होती है। पर ऐसा क्यों की महिलाओं में दाढ़ी मूंछ नहीं पायी जाती है।
महिलाओं को दाढ़ी-मूंछ क्यों नहीं होती
मानव स्त्री और पुरुष में विभक्त है जो इस संसार को चला रहे हैं और पीडी दर पीडी आगे बड़ रहे हैं, पर इन दोनों में काफी असमानताए होती है, जिसमें बाहरी और आन्तरिक दोनों प्रकार का अंतर पाया जाता है, जिसमे अलग-अलग अंग और बालों उगने को लेकर भी परिवर्तन पाए जाते हैं। पुरुषों में मूंछ और दाढ़ी पायी जाती है पर महिलाओं में यह नहीं होती है, पुरुषों की तरह महिलाओं के चेहरे पर घने बाल नहीं आते हैं।
पुरुषों में दाढ़ी और मूंछ आने का मुख्य कारण है हाइड्रोटेस्टोस्टीरॉन नाम का एंजाइम और एण्ड्रोजन हॉर्मोन यह बालों को उगने के लिए जिम्मेदार होते हैं। महिलाओं में यह नहीं होता है और पुरुषों में इसकी अधिकता होती है जिसके कारण उनमे हेयर फ़ॉलिकल उत्तेजित होते हैं और युवा होने पर दाढ़ी आने लगती है।
महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन होता है जिसके कारण युवा होने पर उनके शरीर में तेजी से परिवर्तन होने लगता है, कई बार हॉर्मोन की गड़बड़ी की वजह से कुछ महिलाओं के चेहरे पर बाल आने लगते हैं और बारीक मूंछ भी दिखाई देने लगती है।महिलाओं में शरीर में एस्ट्रोजेन अधिक मात्रा में पाया जाता है और यह हॉर्मोन महिला के सामान्य यौन विकास मासिक धर्म चक्र के नियमन के लिए जरुरी हैं, इसके विपरीत पुरुषों में शरीर द्वारा एण्ड्रोजन हॉर्मोन अधिक मात्रा में निर्मित होते हैं।
लडकों में देर से दाढ़ी आने का कारण
कुछ लड़कों में एंड्रोजन हार्मोन धीरे-धीरे बनता है, जिस कारण दाढ़ी भी धीरे धीरे आती है। इसीलिए युवा हो जाने के बाद भी कई लड़कों को दाढ़ी मूंछ नहीं आती है और अन्य लोगों की तुलना में देर से दाढ़ी आती है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है और कई बार बचपन में किसी तरह की दवाई के प्रयोग के कारण भी शरीर में इस तरह का प्रभाव हो जाता है कि यह हॉर्मोन प्रभावित हो जाता है।
कुछ लड़कियों को मूंछ क्यों आती है?
कुछ महिलाओं को चेहरे पर बाल आने लगते हैं जिस कारण उन्हें परेशानी होती है। महिलाओं में पायी जाने वाली इस समस्या को हिर्सुटिज्म कहा जाता है। हिर्सुटिज्म शरीर में मेल हॉर्मोन एण्ड्रोजन के स्तर के बड़ जाने के कारण होता है। यह स्तर कई बार अनुवांशिक कारणों से भी बड़ जाता है और कई बार गर्भवस्था के कारण भी हॉर्मोन रिलीज़ हो जाता है।
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