नवरात्री में माता दुर्गा की पुरी आस्था के साथ पूजा की जाती है और व्रत भी किये जाते हैं जिससे जीवन में सफलता मिलती है और सुख शांति बनी रहती है। इस समय में जो माता की पूजा अर्चना करता है माँ दिरगा उसकी हमेशा रक्षा करती है और उसकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण करती है। यदि आपके जीवन में समस्याएँ चल रही है तो नवरात्री में माता की पूजा अर्चना और व्रत अवश्य करें।
नवरात्री में माँ दुर्गा से सम्बन्धित कई तरह मन्त्रों का जाप किया जाता है और हवन, पूजा आदि धार्मिक कार्य किये जाते हैं, अप इन मंत्रों का जाप वर्ष भर भी कर सकते हैं और जो भक्त प्रतिदिन इन मंत्रों का जाप करता है उसे जरुर सफलता मिलती है, यह मंत्र अत्यधिक प्रभावी होते हैं और जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
या देवी सर्वभूतेषु मंत्र का अर्थ और लाभ
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
मंत्र का अर्थ – हे देवी आप संसार के हर जीव में शक्ति तरह उपस्थित हो। हे देवी में तुम्हे बार रबार नमस्कार करता हूँ। हे देवी आप संसार के हर जीव में शक्ति तरह उपस्थित हो। हे देवी हम बारम्बार आपको नमस्कार करते हैं।
इस मंत्र का जाप करने का सबसे उचित समय सूर्यास्त के बाद का समय होता है, मंत्र का जाप करने से पहले माँ की प्रतिमा या चित्र को लाल फूल और चुनरी अर्पित करें जिसके बाद घी का दीपक लगाएं और फिर मंत्र का जाप शुरू करे। मंत्र का जाप करते समय अपना मुह दुर्गा माता के तरफ ही रखना चाहिए और कभी भी मंत्र का जाप बीच में अधुरा नहीं छोड़ना चाहिए, एक बार में कम से कम 11 बार इस मंत्र का जाप करने से उचित फल की प्राप्ति होती है।
जो भी भक्त सच्चे मन से माता के सामने इस मंत्र का जाप करता है उसकी सारी इच्छाएँ पूर्ण होती है और वह शारीरिक और मानसिक रूप से शक्तिशाल बन जाता है। मंत्र के जाप से जीवन में सुख शांति आती है और सारे कार्य सफल होते हैं, या देवी सर्वभूतेषु मंत्र के जाप से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है और अपने भक्त पर कृपा बना कर रखती है।
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