जिस तरह बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है उसी तरह सांप की भी मौसी होती है। बिल्ली मौसी को लेकर एक कहानी भी प्रचलित है जो बच्चो को अक्सर सुनाई जाती है। इस कहानी में बिल्ली शेर की मौसी है जो अपने भतीजे यानिक शेर को बहुत सी चीजे सिखाती है पर उसे पेड़ पर चड़ना नहीं सिखाती है। क्योंकि बिल्ली चतुर है जिसे पता है कि यदि शेर को यदि सब कुछ ही सिखा दिया तो वह एक न एक दिन उसकी ही जान के लिए खतरा बन जाएगा। इसी तरह सांप की मौसी भी होती है जिसके बारें में आज हम आपको सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
किसे कहते हैं सांप की मौसी
सांप की मौसी स्किंक (Skink) हो कहा जाता है, यह छिपकली की तह होती है पर उससे काफी बड़ी होती है। यह जहरीली नहीं होती है और इसलिए खतरनाक नहीं है। इसे सांप की मौसी इस लिए कहा जाता है क्योंकि यह सांप की तरह होती है पर इसके पैर होते है। पैर होने के कारण यह सांप से बेहतर है और सांप की तरह ही दिखती है जिस कारण इसे सांप की मौसी कहा जाता है। भारत में इसकी 62 प्रजातियाँ पायी जाती है जो अलग-अलग क्षेत्रों में पायी जाती है।
कहा रहती है Skink
यह कही भी रह सकती है जैसे मैदानों में, गैरेज, स्टोर रूम या हॉल में, जंगलों में, घरों में यदि उचित स्थान मिल जाता है। कई बार यह जमीन में नीचे बिल बना कर रहना पसंद करती है और उसी को अपना घर बना लेती है।
क्या खाती है सांप की मौसी
सांप की मौसी बड़े जीवो का शिकार नहीं कर सकती है इसीलिए अपनी क्षमता है अनुसार यह छोटे जीवो को खा कर जीवित रहती है जैसे कीड़े मकोड़े, मकड़ियाँ, तितलियाँ, केचुएँ, टिड्डे, भृंग। यह इनका शिकार कर इनका भक्षण करती है और अपना जीवन व्यतीत करती है। इन्हें बड़े जीवों से खतरा महसूस होता है क्योंकि कई बार यह बड़े जीवो का शिकार भी बन जाती है। इन्हें ऐसे क्षेत्रों में रहना पसंद होता है जहां आसानी से छोटे जिव मिल जाते हैं और खतरा कम होता है।
यह जानवर अपनी एक खास योग्यता के कारण भी जाना जाता है। मादा बभनी मेटिंग के बाद नर के स्पर्म को स्टोर कर रख सकती है और फिर थोड़े समय के बाद उस से बच्चे पैदा कर सकती है।
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